सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जनवरी, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Indian National Movements

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति पर भारत में राष्ट्रीय जनमत की स्थिति निराशाजनक थी। प्रथम विश्वयुद्ध में सेवाएं अर्पित करने के बदले में भारतीय लोग ब्रिटिश सरकार से उत्तरदाई शासन प्राप्त करने की आशा कर रहे थे। किंतु उसके स्थान पर देश को भारत सरकार अधिनियम 1919 मिला जिसने फूट डालो और राज करो की नीति को ही बढ़ावा दिया। इस अधिनियम के अंतर्गत प्रथम सांप्रदायिक निर्वाचन क्षेत्रों में सिखों, Anglo-Indians, इंडियन क्रिश्चियंस तथा अन्य समुदाय भी शामिल कर लिए गए।  अन्य परिवर्तनों के अतिरिक्त 1919 के अधिनियम के अंतर्गत प्रांतों में द्वैध शासन स्थापित कर दिया। इस प्रणाली के अंतर्गत महत्वपूर्ण विभागों जैसे वित्त विभाग आदि पर ब्रिटिश शासन का नियंत्रण बना रहा। साथ ही प्रांतीय गवर्नरों का विदाई और वित्तीय मामलों में निषेध आधिकार पूर्ववत रहा। इसके विपरीत भारतीयों को ऐसे विभाग दिये पर गए जो न तो राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थे और ने उनमें अधिक बजट होता था। रोलेट एक्ट व सत्याग्रह  देश में असंतोष की लहर रोकने के लिए ब्रिटिश सरकार ने दबाव डालने के लिये 21 मार्च 1919 को रौलट एक्ट ल

न्यायपालिका Judiciary

न्यायपालिका Judiciary हम जानते हैं कि सरकार के तीन अंग होते हैं- व्यवस्थापिका  कार्यपालिका  न्यायपालिका  न्यायपालिका का मुख्य कार्य न्याय करना है। न्यायपालिका निष्पक्ष एवं स्वतंत्र न्याय कर सके इसके लिए न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक रखा गया है। हम जानते हैं कि हमारे देश में संघात्मक शासन व्यवस्था है। केंद्र और राज्य सरकारें संविधान द्वारा निर्धारित अपने -अपने क्षेत्र में काम करती हैं। इनमें किसी भी विषय पर आपस में मतभेद हो सकता है। संविधान के अनुसार उन मतभेदों को दूर करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई है। यह नई दिल्ली में स्थित है। यह अन्य कार्यों के अलावा कानून तथा संविधान की व्याख्या करता है।  सर्वोच्च न्यायालय  सर्वोच्च न्यायालय हमारी न्यायपालिका का सबसे बड़ा न्यायालय है। हमारे संविधान का रक्षक है, उसे संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है। यह नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करता है। यह देश के समस्त न्यायालयों से ऊपर है इसलिए यह अंतिम अपीलीय न्यायालय है।  न्यायाधीशों की नियुक्ति  सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीश हो

कार्यपालिका Executive

कार्यपालिका सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है। व्यवस्थापिका द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करना कार्यपालिका का कार्य है।  संविधान के अनुसार केंद्र सरकार की कार्यपालिका में भारत का राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद तथा अनेक सरकारी कर्मचारी सम्मिलित हैं।  राष्ट्रपति  राष्ट्रपति भारत के शासन का प्रमुख होता है। यह देश का प्रथम नागरिक एवं सर्वोच्च अधिकारी होता है। संपूर्ण देश का शासन उसी के नाम से चलाया जाता है। राष्ट्रपति का पद राष्ट्रीय गरिमा एवं राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।  योग्यताएं  इस पद के उम्मीदवार में निम्न योग्यताएं होना आवश्यक है-- वह भारत का नागरिक हो। वह 35 वर्ष या इससे अधिक आयु का हो  वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यताएं रखता हो  कार्यकाल  राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। यदि राष्ट्रपति संविधान का उल्लंघन करें तो संसद द्वारा महाभियोग लगाकर समय से पूर्व पद से हटाया जा सकता है। राष्ट्रपति का चुनाव  राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से जनता के प्रतिनिधियों के द्वारा किया जाता है। इसके चुनाव में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित